Kaju in Pregnancy in Hindi

काजू में जिंक होता है जो भ्रूण की कोशिकाओं के विकास के लिए जरूरी होता है। इसमें कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे गर्भवती महिला के दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। काजू में फोलिक एसिड होता है। जो बच्‍चे को जन्‍म विकार जैसे कि, स्पाइना बिफिडा से बचाने में मदद करता है।

काजू खाने से स्वास्थ्य को किस तरह से लाभ पहुंचता है?

काजू खाने से स्वास्थ्य को किस तरह से लाभ पहुंचता है?

  • प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है यह।
  • कोलेस्ट्रॉल करता है कंट्रोल।
  • त्वचा बनती है चमकदार।
  • याद्दाशत होती है तेज।
  • हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  • पाचन शक्ति को बनता है मजबूत।

Kaju in Pregnancy in Hindi

गर्भवती महिला को कितने काजू खाने चाहिए?

काजू में काफी मात्रा में फैट पाया जाता है। गर्भवती महिला को रोजाना 30 ग्राम ड्राइफ्रूट्स खाने चाहिए। गर्भवती महिलाएं एक दिन में 15 काजू खा सकती हैं। गर्भवती महिला को सादे काजू खाने चाहिए, नमकीन काजू न खाएं। प्रेग्‍नेंसी में काजू खाने से ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल नियंत्रित रहता है, जिससे जेस्‍टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है।

गर्भवती महिला को कितने काजू खाने चाहिए?

Kaju in Pregnancy in Hindi

गर्भावस्‍था में डायट पर बहुत ज्‍यादा ध्‍यान दिया जाता है। महिलाओं को कुछ भी खाने से पहले दो बार सोचना पड़ता है। प्रमुख आहार के अलावा स्‍नैक्‍स में सूखे मेवे खाना भी बहुत फायदेमंद रहता है। सूखे मेवों में काजू का नाम शामिल है। काजू में जरूरी विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं, जो गर्भस्‍थ शिशु के विकास में मदद करते हैं। आप ऐसे काजू चुनें, जो साइज में छोटे हों। इस तरह के काजू को कीटनाशकों के प्रयोग के बिना उगाया जाता है। इनका स्‍वाद भी अच्‍छा होता है ,और इनमें फाइटोस्‍टेरोल, टोकोफेरोल होता है जो गर्भावस्‍था के दौरान लाभकारी माना जाता है।

सूखे मेवों में काजू का नाम शामिल है। काजू में जरूरी विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं, जो गर्भस्‍थ शिशु के विकास में मदद करते हैं।

वैसे तो काजू पोषक तत्‍वों से युक्‍त होते हैं लेकिन कुछ महिलाओं को अधिक मात्रा में काजू खाने से दुष्‍प्रभाव भी हो सकते हैं। बताई गई मात्रा से अधिक काजू खाने से वजन बढ़ सकता है क्‍योंकि काजू में कैलोरी अधिक होती है।सामान्‍य से अधिक मात्रा में काजू खाने से पथरी भी हो सकती है। काजू में ऑक्‍सलेट होता है, जो शरीर में फ्लूइड की मात्रा बढ़ा सकता है और प्रेग्‍नेंसी से जुड़ी समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं।

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